उत्तर प्रदेश विधि विरोध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश 2020 और राजस्थान राज्य की स्थिति

उत्तर प्रदेश विधि विरोध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश 2020 : उत्तर प्रदेश विधि विरोध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश 2020 के तहत छल-कपट व जबरन धर्मान्तरण के मामले में 1 से 10 वर्ष तक की सजा हो सकती है। किसी नाबालिग लड़की या अनुसूचित जाति/जनजाति की महिला का छल से या जबरन धर्म परिवर्तन कराने के मामले में दोषी को 3 से 10 वर्ष तक की सजा भुगतनी होगी। सामूहिक धर्मान्तरण के मामले में 3 से 10 वर्ष तक की सजा एवं जबरन या कोई प्रलोभन देकर किसी का धर्म परिवर्तन कराया जाना अपराध माना जाएगा। धोखा या लालच देकर शादी करना अपराध की श्रेणी में माना गया है तथा शादी के बाद जबरन धर्म परिवर्तन कराने पर भी सजा का प्रावधान होगा। सिर्फ शादी के लिए धर्म परिवर्तन करने को स्वीकार नहीं किया गया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यह कहा था कि इस्लाम के बारे में बिना जाने और बिना आस्था और विश्वास के धर्म बदलना स्वीकार्य नहीं है। सिर्फ शादी करने के उद्देश्य से धर्म बदलना इस्लाम के खिलाफ है। अन्य राज्यों की स्थिति : उड़ीसा पहला राज्य था जिसमें धर्मान्तरण के खिलाफ कानून बनाया था। अरूणाचल प्रदेश, मध्यप्...